नई दिल्ली : ठाणे जिले के एक प्रतिष्ठित स्कूल के सफाई कर्मचारी द्वारा नर्सरी की दो छात्राओं, 4 साल की लड़कियों के साथ यौन दुर्व्यवहार किए जाने के बाद मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जहां लोकल ट्रेनें रोक दी गई और आंदोलनकारियों ने पटरियां जाम कर दी। सीपीआरओ सेंट्रल रेलवे ने कहा, “बदलापुर रेलवे स्टेशन पर स्थानीय ट्रेनें रुक गई, जहां प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिक लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ आंदोलन किया।”
बदलापुर स्कूल में बच्चों से छेड़छाड़
बदलापुर के निवासियों ने पिछले सप्ताह हुए दो नाबालिक लड़कियों के यौन शोषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बदलापुर स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन के कारण लोकल ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। माता-पिता को 18 अगस्त को घटना के बारे में पता चला और उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई। ठाणे जिले के एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में नवनियुक्त सफाई कर्मचारियों ने नर्सरी की दो चार वर्षीय छात्राओं का कथित तौर पर यौन शोषण किया।
24 वर्षीय आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन पीड़ितों के माता-पिता ने मामले को संभालने के लिए पुलिस के तरीके पर असंतोष व्यक्त किया उन्होंने दावा किया। की शिकायत दर्ज होने के 12 घंटे से अधिक समय बाद और जिला महिला एवं बाल कल्याण विभाग के हस्तक्षेप के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी। स्कूल प्रशासन ने सोमवार को प्रिंसिपल, क्लास टीचर और महिला अटेंडेंट को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया।
स्कूल प्रशासन एक पुरुष सफाई कर्मचारी को जिसे 1 अगस्त को कम पर रखा गया था, छोटी लड़कियों के साथ शौचालय जाने की अनुमति देने के लिए भी जांच के दायरें में आ गया है। यह घटना तब सामने आई जब एक लड़की ने अपने दादा को स्कूल स्टाफ सदस्य द्वारा यौन शोषण के बारे में बताया जब वह उसे और उसकी सहेली को शौचालय में ले जाता था। फिर परिवार ने दूसरी लड़की के माता-पिता से इस मामले पर चर्चा की, जिन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटी हाल ही में स्कूल जाने से डरने लगी थी।
प्रेजेंट 4 साल की बच्चियों को एक निजी डॉक्टर के पास मेडिकल जांच के लिए ले गए, जिन्होंने पुष्टि की बच्चों के साथ यौन शोषण हुआ है। इसके बाद उन्होंने एक स्थानीय मानसे नेता से संपर्क किया जो शुक्रवार दोपहर 12:30 उनके साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे। हालांकि, माता-पिता के बयान तुरंत दर्ज करने और एफआईआर दर्ज करने की बजाय, पुलिस स्टेशन प्रभारी सुभदा शितोले ने कथित और पर उन्हें घंटों तक इंतजार कराया, यह कहते हुए कि उन्हें पहले दावे को सत्यापित करने की आवश्यकता है।
सूत्रों ने दावा किया कि एक पुलिस टीम ने स्कूल का दौरा किया लेकिन उन्हें बताया गया कि सीसीटीवी कैमरा पिछले कुछ दिनों से काम नहीं कर रहे थे। जिला महिला एवं बाल कल्याण विभाग के हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने आधी रात को पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। शनिवार की सुबह पुलिस ने सरकारी अस्पताल में लड़कियों की मेडिकल जांच भी कराई क्योंकि प्राइवेट मेडिकल जांच अदालत में मान्य नहीं होती।
बच्चों के माता-पिता द्वारा पुलिस स्टेशन जाने पर एफआईआर दर्ज करने में देरी करने के लिए ठाणे पुलिस ने थाना प्रभारी सुभदा शितोले को विशेष शाखा में स्थानांतरित कर दिया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि नागरिकों के साथ-साथ रिक्शा यूनियन, व्यापारी संघ, ज्वेलर्स एसोसिएशन और सब कुछ राजनीतिक दल भी बंद में शामिल होने के लिए आगे आए हैं आरोपी, जिस स्कूल ने 1 अगस्त को कम पर रखा था 21 अगस्त तक पुलिस रिमांड में रहेगा।
यूबीटी से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गाड़ी चिंता व्यक्त की और घटना की निंदा की। “महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूल परिसर में दो युवा लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया; पूरा राज्य गुस्से में है और न्याय की मांग कर रहा है मैं एक बार फिर राष्ट्रपति राष्ट्रपति से महाराष्ट्र शक्ति अपराधी कानून को मंजूरी देने का आग्रह करता हूं। ताकि किसी अन्य बच्चेया महिला को इस उपवास का सामना न करना पड़े महिलाओं की सुरक्षा को नजर अंदाज करना राज्य सरकार के लिए शर्म की बात है।
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