ममता ने गुरुवार को नबान्न में कहां, मैं स्थिति पर नजर रखने के लिए पूरी रात नबान्न में रहूंगी। आपदा प्रबंधन टीम भी यहां तैनात रहेंगी मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे भूस्खलन समाप्त होने तक नबान्न में ही रहें।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को नबान्न से रात भर चक्रवात दान से संबंधित सरकारी गतिविधियों पर नजर रखेगी, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अतीत की तरह वह किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान राज्य मशीनरी का नेतृत्व करना जारी रखेगी। ममता ने गुरुवार को नबान्न में कहा, मैं स्थिति पर नजर रखने के लिए पूरी रात नबान्न में रहूंगी। आपदा प्रबंधन टीम भी यहां तैनात रहेगी मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे तूफान के खत्म होने तक नबान्न में ही रहें।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ममता का गुरुवार को पूरी रात नबान्न में रुकने का निर्णय महत्वपूर्ण था, क्योंकि उनकी उपस्थिति से पूरा प्रशासन सतर्क रहेगा। एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा, चक्रवर्ती तूफान के मध्य रात्रि के बाद आने की संभावना है यह महत्वपूर्ण है कि पूरा प्रशासन देर रात तक सतर्क रहे, ताकि मुसीबत की स्थिति में लोगों को सहायता मिल सके। नबान्न में मुख्यमंत्री की मौजूदगी या सुनिश्चित करेगी।
प्रशासन में कई लोग इसे अगले महीने 6 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया एक चतुर राजनीतिक कदम मान रहे हैं, वह भी ऐसे समय में जब राज्य सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी को 9 अगस्त को आरजी में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद से बड़े पैमाने पर जन विरोध का सामना करना पड़ रहा है। एक सूत्र ने कहा आरजी कर की घटना को लेकर सत्तारुढ़ पार्टी पिछले ढाई महीने से सवालों का सामना कर रही है अब मुख्यमंत्री यह संदेश देना चाहती हैं कि उनमें कोई बदलाव नहीं आया है और जब लोग मुसीबत में होंगे तब वह उनके साथ खड़ी रहेंगी।
टीएमसी केएक अंदरूनी सूत्र ने कहाकी मुख्यमंत्री लोगों कोयाद दिलाना चाहते थे कि वह अकेली ऐसी व्यक्ति है जो आपात स्थिति में बंगाल के लोगों के साथ खड़ी होगी उन्होंने कहा कि 20 मई, 2020 को जब अम्फान ने सागर द्विप को प्रभावित किया था, तब मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यों को निगरानी के लिए नबान्न में रात बिताई थी। वह मई 2019 में चक्रवात फानी के दौरान संचालन की निगरानी के लिए खड़गपुर भी गई थी। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले कुछ गांवों में तूफान आने के तुरंत बाद वह जलपाईगुड़ी गई थी।
तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा, यह उनकी खासियत है वह अच्छा विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव से पहले भी यही काम कर रही है, जब सत्तारूढ़ पार्टी अरार्जी कर घटना के बाद अजीब स्थिति का सामना कर रही है।
चक्रवात दाना से निपटने के लिए बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की घोषणा करते हुए ममता ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है और 851 राहत शिविर क्रियाशील है। चक्रवात दाना गुरुवार मध्य रात्रि से शुक्रवार तड़के ओड़ीसा के धामरा के निकट दस्तक देने की आशंका है। ममता ने गुरुवार दोपहर नबान्न मैं कहा तटीय जिलों और उसके आसपास के निचले इलाकों से आज दोपहर तक 1,59,837 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जहां चक्रवात के प्रभाव पड़ने की संभावना है।
हमने पहचान की है कि 3,59,941 लोगों को निकालने की जरूरत है, लेकिन अभी तक 1,59,837 लोग चक्रवात आश्रम स्थलों के राहत शिविरों में आ चुके हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने पर ध्यान केंद्रित किया था, कि यह सुरक्षित किया जा सके कि चक्रवात के दौरान किसी की जान ना जाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने मई 2020 में आए चक्रवात अम्फान से सीखा है कि अगर निकासी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, तो जान बच जाती है यही कारण है कि जून 2021 में आए चक्रवात यास के दौरान किसी की मौत की खबर नहीं आई। लेकिन इस बार हमें संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई लोग घर छोड़ने से हिचक रहे हैं।” अधिकारी खरीफ फसलों को
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