दिवाली को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। धर्माचार्य और पंडित अपने- अपने मतों से 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन के मुहूर्त बता रहे हैं। शास्त्र के जानकारों के एकमत नहीं होने से दिवाली मनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है।
प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र फर्सवाण का कहना है कि कुछ धर्माचार्यों ने दिवाली की तिथि को लेकर लोगों को भ्रमित किया है। कहां की हिंदू धर्म की मान्यताओं की तिथि का व्याख्यान हजारों वर्ष पूर्व ही बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने किया है। इसे झूठ लाना उन ऋषि मुनियों का अपमान है, हर्षवर्धन के इस बयान का प्रदेश अध्यक्ष सुभाष मोगा, प्रदेश कोषाध्यक्ष पूरनलाल स महानगर अध्यक्ष राजीव अग्रवाल प्रदेश संगठन प्रभारी वीरेंद्र गुप्ता सहसंयोजक देवेश अग्रवाल, डॉक्टर प्रमोद गोल्डी, राजेश पुरी, प्रज्ञान भारद्वाज ऋषभ पाठक आदि ने भी समर्थन किया है।
वही ज्योतिषाचार्य पवन पाठक का कहना है कि इस वर्ष दिवाली का मन पर 31 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। शास्त्र और पंचांगों को अनुसार दिवाली का पर उसे दिन मनाया जाना चाहिए, जब प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद 2 घंटा 24 मिनट और अमावस्या की रात्रि पूर्ण रूप से विद्यमान हो। कहा है कि इस वर्ष 31 अक्टूबर को अमावस्या और प्रदोष काल दोनों का संयोग बना रहा है जो मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है। कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख संस्थानों ने भी दीपावली की तिथि 31 अक्टूबर घोषित की है बता दे की पर्व महासभा ने दीपावली का पर्व पहले नंबर को बताया है।
दीपावली को लेकर नहीं एक मत
दिवाली को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। धर्माचार्य पंडितों से 31 अक्टूबर और एक नवंबर को महालक्ष्मी पूजन के मुहूर्त बता रहे हैं शास्त्र के जानकारी के एकमत नहीं होने से दिवाली मनाने को लेकर अपनी स्थिति पर नजर नहीं आ रही है कुमाऊं में अधिकतर लोग एक नंबर को दीपावली मनाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं वहीं कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली होने की बात कर रहे हैं।
दिवाली माता लक्ष्मी स्पेशल भोग
दिवाली का त्योहार हर किसी के लिए खास होता है। लोग घर को सजाने, साफ सफाई करने और लक्ष्मी पूजन की तैयारी महीनों पहले से करते हैं। इस साल दिवाली का पर 31 अक्टूबर 2024 को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जिनके घर में स्वच्छता हो वहां अपनी कृपा बरसाती हैं।
हर कोई चाहता है की दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का भगवान उसके घर पर हो इसके लिए वह उपाय भी अपनाता है ऐसे में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दिवाली पर विशेष भाव अर्पित किए जाते हैं आईए जानते हैं कौन-कौन से भाग लक्ष्मी जी को चढ़ाना शुभ माना जाता है।
खीर और बताशा
दिवाली पर मां लक्ष्मी को खीर और बताशा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि बताशे से शुक्र दोष दूर होता है। और घर में सुख समृद्धि आती है, वही खीर का भोग आर्थिक परेशानियों को दूर करता है। इसलिए दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को खीर बताशा का भोग जरूर लगाए।
खीर
मां लक्ष्मी को खीर अति प्रिय है इसलिए दिवाली के दिन खीर का भोग चढ़ाना ना भूले कहते हैं की खीर चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होती है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
हलवा
दिवाली पर हलवा भी मां लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए पूजा के समय हलवा का भोग लगाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। और साथ ही ऐसा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।
सिंघाड़े का भोग
दिवाली के समय सिंघाड़ा फल आसानी से मिल जाता है। इस फल को देवी लक्ष्मी विशेष रूप से पसंद करती है, कहा जाता है कि सिंघाड़ा चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। और साथ ही घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
देवी को प्रिय
इसके अलावा दिवाली पर अनार, नारियल, सेब, केला, मखाना और पान का भोग भी मां लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए। यह चीज मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है वही इस दिन सफेद रंग की मिठाई चढ़ाना माना जाता है।
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